नई दिल्ली। देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर विधान सभा चुनाव टालने की इलाहाबाद हाई कोर्ट की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि किस जगह पर कौन सी राजनीतिक गतिविधि होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए, इस पर सरकार कोई निर्णय नहीं ले सकती है। उन्होंने कहा कि यह तय करने का दायित्व एक संवैधानिक संस्था ( चुनाव आयोग ) के पास है और उन्हे यकीन है हाई कोर्ट की टिप्पणी इस संस्था ने भी पढ़ी होगी और वही इस मामले को देखेगी। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्य सभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि न्यायालय की टिप्पणी का चुनाव आयोग संज्ञान लेगा और उसके अनुसार आयोग जो भी फैसला करेगा, भाजपा उसे स्वीकार करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पंजाब के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में जो हो रहा है, उससे साफ जाहिर है कि कुछ लोग राज्य में अराजकता फैलाना चाहते हैं। उन्होने कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू और अन्य मंत्री लुधियाना गए थे और केंद्रीय गृह मंत्री ने भी इसे लेकर अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की है। उन्होंने दावा किया कि सरकार राज्य में किसी को भी अराजकता नहीं फैलाने देगी, चाहे ऐसा करने वाले तत्व देश के अंदर के हों या देश के बाहर के।
संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने महंगाई पर चर्चा की मांग की थी और सरकार तैयार भी थी। वे स्वयं 3 बार तैयारी करके चर्चा के लिए सदन में आए थे।
पेट्रोलियम कीमतों को लेकर सवाल उठा रहे विपक्ष पर निशाना साधते हुए पुरी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने ही 2010 में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को डी-रेग्युलेट किया था और फिर दाम को नियंत्रण में रखने के लिए ऑयल बॉन्ड का रास्ता निकाला था, जिसकी भरपाई मोदी सरकार को करनी पड़ रही है। उन्होने कहा कि अगर सदन में महंगाई पर चर्चा हुई होती तो सदन के जरिए पूरे देश को सच्चाई का पता लगता।
पुरी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कई विधेयकों को गिनवाया जिसे कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में महज 3 मिनट और 5 मिनट में ही पारित करवाया गया था। उन्होने लिंचिंग की भी कई घटनाओं के बारे में बताते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भी सदन के शीतकालीन सत्र को नहीं चलने देने को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सदन में जैसा व्यवहार हुआ है, उससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस को विपक्ष के रूप में व्यवहार करना भी नहीं आता। उन्होने कहा कि कांग्रेस को न सत्ता चलाना आता है, न ही विपक्ष में जिम्मेदारी पूर्ण आचरण करना आता है।
ओवैसी के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए त्रिवेदी ने कहा कि अखिलेश यादव के सर पर तो जिन्ना का साया है, लेकिन ओवैसी में जिन्ना की रूह है। अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की विपक्ष की मांग पर पलटवार करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि जब एसआईटी की रिपोर्ट हमारे मंत्री के बेटे के खिलाफ जाती है तो वो इसे सही मानते हैं और जब किसी पर आईटी का छापा पड़ता है तो सवाल खड़ा करते हैं जबकि दोनों ही सरकार की एजेंसी हैं।
--आईएएनएस
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