नई दिल्ली। जो लोग मानते हैं कि उनके जीवन की समग्र गुणवत्ता अगले एक साल के भीतर सुधरेगी, ऐसे लोगों की संख्या पिछले छह वर्षो की तुलना में काफी कम हो गई है। आईएएनएस सीवोटर इंस्टापोल से यह जानकारी सामने आई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पहला बजट पेश किया, उसके बाद 1200 से अधिक चयनित उत्तरदाताओं पर आयोजित आईएएनएस सी-वोटर बजट इंस्टापोल में यह आंकड़े सामने आए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सर्वेक्षण के अनुसार, केवल 27.6 प्रतिशत लोगों को अगले एक वर्ष में अपने स्वयं के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है, जबकि 2020 में 53.7 प्रतिशत, 2019 में 61.8 प्रतिशत, 2018 में 40.4, 2017 में 57 प्रतिशत, 2016 में 46.5 प्रतिशत और 2015 में 55.1 प्रतिशत लोगों का ऐसा मानना था।
लगभग 30.4 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उनका जीवन पहले की तरह ही रहेगा। यह प्रतिशत पिछले छह वर्षों की तुलना में सबसे अधिक है। 2019 में यह 20.9 प्रतिशत, 2018 में 12.8, 2017 में 21.3, 2017 में 12 प्रतिशत, 2016 में 18.6 और 2015 में 12.9 प्रतिशत लोगों ने ऐसा माना था।
इसके अलावा, 29 फीसदी लोगों को लगता है कि अगले एक साल में उनकी जिंदगी खराब हो जाएगी। पिछले साल की तुलना में इसमें 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढांचे को एक बड़ा बढ़ावा दिया। हालांकि, मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं मिली, क्योंकि इस साल आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
--आईएएनएस
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