नई दिल्ली। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से सम्बंधित संविधान संशोधन विधेयक को संसद ने मंजूरी प्रदान कर दी है। राज्यसभा ने सोमवार को इससे सम्बंधित संविधान (123वां संशोधन) विधेयक 2017 को पारित कर दिया है। इस विधेयक पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि यह विधेयक पारित होने से राज्यों के अधिकार बने रहेंगे। उनके अधिकारों को हनन नहीं होगा। उन्होंने बताया कि एससी/एसटी की केंद्रीय और राज्य सूची एक ही समान ही होती है लेकिन ओबीसी का मामला अलग है। प्रत्येक राज्य ओबीसी जातियों पर निर्णय करने पर स्वतंत्र है।
उन्होंने बताया कि यह विधेयक के कानून बनने के बाद कोई भी राज्य किसी जाति को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल करवान चाहते है तो प्रस्ताव को केंद्र व आयोग को भेजा जा सकता हैं। इस आयोग में एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और तीन अन्य सदस्य होने के प्रावधान रहेगा। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य सदस्यों की सेवा शर्तें एवं पदावधि को राष्ट्रपति की ओर से तय की जाएगी।
Politics At Peak : अमेठी में कांग्रेस नेता सुबह भाजपा में गए, शाम को घर वापसी
वोटिंग ऑफर : अंगुली पर लगी नीली स्याही दिखाकर दो दिन 50 प्रतिशत तक की छूट ले सकेंगे मतदाता
भाजपा उम्मीदवारों को जनता समझती है, वोट की चोट से देगी जवाब : दिग्विजय चौटाला
Daily Horoscope