टाटा ने लगातार यही बात कही थी कि उनका अपमान करने का कोई उद्देश्य नहीं
था। वरिष्ठ अधिवक्ता सी.ए. सुंदरम ने कोर्ट को बताया कि अगर दूसरा पक्ष उन
पर लगाए आरोप वापस ले तो उनका मुवक्किल मामला वापस लेना चाहता है।
प्रधान
न्यायाधीश ने वाडिया और टाटा के बीच शांति की वकालत करने की कोशिश की और
सलाह दी कि कोर्ट बंबई हाईकोर्ट के निष्कर्ष को मान सकता है कि टाटा का
वाडिया का अपमान करने का कोई उद्देश्य नहीं था। प्रधान न्यायाधीश ने वाडिया
के वकील से पूछताछ की थी। कोर्ट ने वाडिया के वकील से पूछा, दूसरे पक्ष को
आपके संबंध में कोई शिकायत है, और वे कानून के अनुसार कार्रवाई कर सकते
हैं। यह मानहानि कैसे हो सकती है।
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