नई दिल्ली । लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ की झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत में चीन विरोधी भावना प्रबल होने लगी है। देश में जगह-जगह चीनी सामान के बहिष्कार और चीन सरकार के विरोध में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। देशभर के साधु-संत भी अपने अनुयायियों से चीन के सामान का बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
साधु-संतों की सबसे बड़ी कमिटि अखिल भारतीय संत समिति ने देशभर के संतों से, मंदिरों के महंतों से और सभी महामंडलेश्वर से अपील की है कि वे गांव-गांव जाकर चीनी सामान के बहिष्कार की अलख जगाएं। साथ ही संत समिति ने संतों से यह भी अपील की है कि वे भक्तों को निर्देश दें कि वह चीन के सामान का बहिष्कार करें और अपने प्रवचनों में लोगों को यह भी बताएं कि चीनी समानों का बहिष्कार आखिर क्यों जरूरी है।
गौरतलब है कि अखिल भारतीय संत समिति से देशभर में 20 लाख से ज्यादा साध-संन्यासी जुड़े हुए हैं, जबकि उनसे जुड़े भक्तों की संख्या करोड़ों में है। संत समिति के महासचिव जितेंद्र स्वामी ने कहा कि चीन को सबक सिखाने के लिए आर्थिक तौर पर चीन को कमजोर करना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी बाजार को देखते हुए 4 से 5 लाख करोड़ का चीनी बाजार भारत में है, जिसे खत्म किया जाना चाहिए।
इसके लिए संत समिति ने गांव-गांव जाने की रणनीति बनाई है। संत समिति का कहना है कि अगले कुछ दिनों में साधु-संत मास्क लगाकर देश के 631208 गांवों, 5401 प्रखंडों और 701 जिलों में चीनी सामान के बहिष्कार के लिए जनजागरण का काम करेंगे।
राजधानी दिल्ली के कालका मंदिर के महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत ने भी भक्तों से चीनी सेना का बहिष्कार करने की अपील की है। मंहत ने कहा है कि वह अपने भक्तों से और देश की समस्त जनता से चीन के सामान के संपूर्ण बहिष्कार की मांग करते हैं। उन्होंने कहा है कि कालका पीठ से जुड़े सभी भक्तों से अपील की गई है कि चीन के सामान का बहिष्कार करें। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि शहीद सैनिकों के लिए कालका पीठ में बड़ा यज्ञ किया जाएगा, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिले।
--आईएएनएस
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