नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने अनाज मंडी अग्निकांड में घायल बच्चों के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर गुरुवार को केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.एन.पटेल व न्यायमूर्ति सी.हरिशंकर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बचपन बचाओ द्वारा दायर की गई एक याचिका पर नोटिस जारी की है। बचपन बचाओं ने पुरानी दिल्ली की अनाज मंडी में भारी अग्निकांड को लेकर यह याचिका दायर की है, जिसमें 43 लोगों की मौत हो गई और बहुत से लोग घायल हो गए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह याचिका अधिवक्ता प्रभुसहाय कौर के माध्यम से दायर की गई, जिसमें घटना की जांच की मांग की गई है और मुद्दे को बालश्रम के परिप्रेक्ष्य से भी देखने की भी मांग की गई है।
याचिका में दावा किया गया है कि एक बच्चा जिसे घटना के दौरान चोटें आई हैं, वह गायब है और बाल मजदूर के तौर पर उसकी तस्करी हो सकती है। मांग की गई है कि अधिकारियों द्वारा बच्चे का पता लगाया जाए।
याचिका में कहा गया है, "अनाज मंडी और पूरी दिल्ली में इस तरह के कारखानों में काम करने वाले ज्यादातर बाल श्रमिक जहां मैन्युफैक्चरिंग यूनिट व फैक्ट्रियां अवैध रूप से चल रही हैं, ऐसा राज्य के अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है, ये जगहें असहज करने वाली भीड़ से भरी हैं और इनमें कोई खिड़की नहीं है, यहां बच्चे सिर्फ काम ही नहीं करते, बल्कि सोते व खाते भी है और उनके आने जाने पर गंभीर रूप से प्रतिबंध है। बालश्रम के ये केंद्र बच्चों की तस्करी के अड्डे हैं। इन जगहों पर बच्चों को दासों की तरह रखते हैं। इस जगहों आग व दूसरी आपदाएं घटित हो सकती हैं, क्योंकि ये अनधिकृत और बिना फायर क्लियरेंस के बगैर हैं।"
--आईएएनएस
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