नांदेड़ (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र की एक अदालत ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और 14 अन्य के खिलाफ 2010 में गोदावरी नदी पर बाबली परियोजना के विरोध प्रदर्शन के मामले में गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
धर्माबाद अदालत (नांदेड़) के प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट एन.आर.गजभिये ने गुरुवार को नायडू और उनके मंत्रीमंडल के सहयोगियों, सिंचाई मंत्री डी.यू. राव, समाज कल्याण मंत्री जी. कमलाकर और 12 अन्य के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने और 21 सितंबर को अगली सुनवाई में अदालत के समक्ष पेश करने का आदेश दिया है।
यह घटना तब हुई जब तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने महाराष्ट्र सरकार की बाबली बैराज परियोजना के निर्माण को अवैध बताते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था। यह परियोजना कथित रूप से तब के अविभाजित आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र से गोदावरी नदी के पानी को मोडऩे के लिए लाई गई थी।
उस समय विधानसभा में विपक्ष के नेता नायडू 40 विधायकों के साथ निषेधाज्ञा को धता बताते हुए बैराज के समीप पहुंच गए थे। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया था और बाद में सबको गिरफ्तार कर लिया था। बाद में, जैसा कि नायडू ने जमानत लेने से इनकार कर दिया था, उन्हें विमान से वापस हैदराबाद भेजा गया था और फिर सभी प्रदर्शनकारियों पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
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