नई दिल्ली। भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से लगातार आतंकवाद के जारी रहने के कारण पूर्ण वार्ता शुरू करने से इनकार किया है, लेकिन दोनों देश तीर्थयात्रियों के लिए पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा कॉरिडोर (Kartarpur Sahib Gurudwara Corridor) को खोलने के लिए वार्ता आयोजित कर रहे हैं। कॉरिडोर नवंबर में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मौके पर खोला जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे, जिन्होंने अपने आखिरी दिन करतारपुर में बिताए थे। इस कॉरिडोर के जरिए भारत के सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा की इजाजत होगी। भारत में तीर्थयात्रियों के लिए कॉरिडोर बनाने की मांग की गई। इस कॉरिडोर के जरिए भारत के तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के पंजाब के नारोवल जिले में करतारपुर साहिब मंदिर के दौरे की अनुमति होगी और उसी दिन लौटना होगा।
इस कॉरिडोर के निर्माण को लेकर भारत व पाकिस्तान में बीते साल तालमेल बना था। यह कॉरिडोर सिख तीर्थयात्रियों को पवित्र गुरुद्वारा की वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति देगा। नवंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने कॉरिडोर के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके बीच भारत की ओर आधारशिला उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा रखी गई, जबकि पाकिस्तान की तरफ इस काम को प्रधानमंत्री इमरान खान ने अंजाम दिया।
भारत व पाकिस्तान ने कॉरिडोर पर पहले चरण की वार्ता भारतीय तरफ अटारी-वाघा सीमा पर 14 मार्च 2019 को की। दूसरे चरण की वार्ता पाकिस्तान की तरफ वाघा पर 14 जुलाई को हुई। पाकिस्तान 5000 यात्रियों को प्रतिदिन करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दौरे पर सहमत हो गया। पाकिस्तान ने भारतीय पासपोर्ट धारकों व ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड धारकों के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के वीजा मुक्त साल भर लंबी यात्रा को लेकर भी सहमति जताई। तीर्थयात्रियों को व्यक्तियों के तौर पर या समूहों में या पैदल यात्रा करने की इजाजत होगी।
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