नई दिल्ली। डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बडा कदम उठाया है। सरकार ने मर्चेंट डिस्काउंट चार्ज (एमडीआर) पर सब्सिडी देने का फैसला किया है। यह सब्सिडी 2000 रुपए से कम के ट्रांजैक्शन पर दी जाएगी। कैबिनेट ने एमडीआर चार्जेज पर सब्सिडी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आपको बात दें कि 31 दिसम्बर तक 1000 रुपए के लेन-देन पर एमडीआर की दर 0.25 फीसदी है, यानी ज्यादा से ज्यादा 2.5 रुपए। वहीं 1000 रुपये से ज्यादा लेकिन 2000 रुपए तक के लेन-देन पर एमडीआर की दर 0.5 फीसदी है। जबकि 2000 रुपए से ज्यादा के भुगतान पर एमडीआर चार्जेज 1 फीसदी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पहली जनवरी से रिज़र्व बैंक ने नयी व्यवस्था में लेन-देन की रकम के बजाए कुल कारोबार को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को आधार बनाया है। साथ ही प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) पॉस मशीन और क्विक रिस्पांस यानी क्यू आर कोड के लिए दरें अलग-अलग कर दी हैं।
नयी व्यवस्था के तहत कारोबारियों को दो समूह में बांटा गया है और हर समूह के लिए एमडीआर की अलग-अलग दर होगी।
छोटे कारोबारी, यानी बीते कारोबारी साल में जिनका कुल कारोबार 20 लाख रुपये तक था, उनके लिए पीओएस पर एमडीआर की दर 0.4 फीसदी तक हो सकती है, लेकिन एक लेन-देन पर एमडीआर ज्यादा से ज्यादा 200 रुपये ही हो सकता है।
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