अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने और दुष्कर्म व हत्या के आरोपियों को मौत की
सजा दिलाने के लिए उन्होंने काफी इंतजार किया। दोषियों को फांसी दे दी गई
है, जब टीवी पर इस बात की पुष्टि हुई तो आशा देवी उस समय अपनी खुशी को बयान
नहीं कर सकीं। शुक्रवार सुबह 5.30 बजे दोषियों को फंसी दी गई और डॉक्टर ने
सुबह 6 बजे उनकी मौत की पुष्टि की।
निर्भया की मां ने दोषियों को
फांसी दिए जाने के बाद मीडिया से कहा, "आज का दिन 20 मार्च, हमारी बच्चियों
के नाम, हमारी महिलाओं के नाम। देर से सही, इंसाफ मिला। इस केस के माध्यम
से कानून में जो खामियां थी, वह सामने आई है, जिन्हें दूर किया जाना जरूरी
है।"
उन्होंने कहा कि उन्हें निर्भया पर गर्व है और उन्होंने अपने मां होने के धर्म को पूरा किया है।
उन्होंने
आगे कहा कि मैं सभी लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद देती हूं। देर से ही सही
हमें न्याय मिला। मैं न्याय व्यवस्था और महामहिम राष्ट्रपति सहित सभी लोगों
को धन्यावाद देती हूं। दोषियों ने बचने के लिए बार-बार याचिकाएं दायर की
लेकिन अदालतों ने उन्हें खारिज करते हुए न्याय देने का काम किया और यह
संदेश दिया कि यदि बच्चियों व महिलाओं के साथ इस प्रकार का अपराध होगा तो
निश्चित तौर पर दोषियों को सजा मिलेगी।"
उन्होंने कहा, "देर से ही
सही इंसाफ मिलने से कानून-व्यवस्था व न्याय-व्यवस्था पर सभी का विश्वास
बढ़ा है। हमारी बच्ची चली गई, लेकिन उसके जाने के बाद हमने लड़ाई जारी रखी
और आज हमें न्याय मिला। आगे भी बच्चियों को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ाई जारी
रखेंगे।"
यह मामला एक नजीर बनेगा और इसका जिक्र करते हुए उन्होंने
कहा, "मामले से सबक लेकर मां-बाप भी लड़कों को इस बारे में कहेंगे कि गलत
काम करने का नतीजा बुरा होता है और उसका दंड इस प्रकार से मिलता है।"
(आईएएनएस)
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