नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां ने कहा कि आखिरकार उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया है। उन्होंने कहा कि यह न्याय देश की बच्चियों को मिला है और यह भारत की बेटियों के लिए उम्मीद की नई किरण है। अक्षय, पवन, विनय और मुकेश दुष्कर्म में शामिल उन छह लोगों में से थे, जिन्होंने साल 2012 में दिसंबर की सर्द रात में राष्ट्रीय राजधानी में एक चलती बस में 23 वर्षीय छात्रा (निर्भया) के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। बाद में दोषी छात्रा और उसके मित्र को सड़क किनारे छोड़कर चले गए थे। छात्रा ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मामले के एक दोषी राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी और दूसरे दोषी नाबालिग को बाल सुधार गृह में भेजा गया था। वहीं अन्य चार को आज शुक्रवार को फांसी दे दी गई है।
निर्भया के माता और पिता ने सात सालों तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और अंत में उन्हें न्याय मिला। निर्भया की मां आशा देवी ने बताया कि आखिरकार आज न्याय मिला। चारों दोषियों को फांसी दे दी गई। आज का सूरज भारत की बेटियों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर उगा। 16 दिसंबर 2012 की रात को सिर्फ निर्भया ही नहीं पूरा देश अंदर तक हिल गया था। आज जाकर न्याय हुआ।
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