जेल के अधिकारियों के मुताबिक, "रस्सियों का बंदोबस्त भी हो चुका
है। फांसी दिलवाने के वक्त टीम में जिन अधिकारियों व डॉक्टरों को शामिल
होना है, उनके नाम पर भी अंतिम मुहर लगा दी गई है।"
उन्होंने कहा कि
फांसी के बाद चारों मुजरिमों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए दीन दयाल उपाध्याय
अस्पताल के फॉंरेसिक साइंस विभाग से भी जल्दी ही संपर्क कर तमाम
औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी, ताकि फांसीघर से पोस्टमॉर्टम हाउस में
पहुंचे शवों का पोस्टमॉर्टम पैनल द्वारा कम से कम समय में कराके शवों को
वारिसान के हवाले किया जा सके।
दिल्ली राज्य स्वास्थ्य निदेशालय के
एक आला-अफसर ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर शनिवार को आईएएनएस से कहा,
"निर्भया के हत्यारों के फांसी लगे शवों के पोस्टमॉर्टम पैनल में शामिल किए
जाने वाले एक्सपर्ट्स (फॉरेंसिक साइंस विशेषज्ञ) कौन-कौन होंगे, यह दिल्ली
सरकार का स्वास्थ्य निदेशालय तय करेगा।"
उन्होंने कहा, "चूंकि दीन
दयाल उपाध्याय अस्पताल तिहाड़ जेल से सबसे नजदीक और सरकारी अस्पताल है, और
उसका अपना फॉरेंसिक साइंस विभाग और पोस्टमॉर्टम हाउस भी है, इसलिए निर्भया
के हत्यारों का पोस्टमॉर्टम यहीं कराए जाने की पूरी-पूरी उम्मीद है।"
तिहाड़
जेल महानिदेशालय द्वारा उत्तर प्रदेश जेल महानिदेशालय को लिखी गई चिट्ठी
में भी आग्रह किया गया है कि वह जल्लाद को 20 जनवरी को सुबह-सुबह तिहाड़
जेल मुख्यालय भिजवाया जाना सुनिश्चित करे, ताकि जल्लाद को फांसी से पहले
अपने स्तर पर जो कुछ जांचना-परखना हो, वो सब वह वक्त रहते देख-परख ले।
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