नई दिल्ली। देश की राजधानी में सात साल पहले हुए निर्भया गैंगरेप केस ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया था। भारत के हर कोने में वहशियाना तरीके से अंजाम दी गई इस खौफनाक वारदात का जमकर विरोध किया गया था। दिसंबर 2012 में 23 साल की युवती के साथ चलती बस में गैंगरेप किया गया था। बाद में इलाज के दौरान पीडि़ता की मौत हो गई थी। अब फैसले की घड़ी नजदीक आ रही है और पीडि़ता के परिजनों को उम्मीद बंध रही है कि दरिंदों को फांसी पर लटकाया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हालांकि इस केस में दोषी करार दिए गए एक अभियुक्त अक्षय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। फांसी से बचने के लिए अक्षय ने कई तरह की अजीबोगरीब दलीलें दी हैं। आप इन्हें जानकर हैरान रह जाएंगे। उसने कहा कि दिल्ली के लोग हवा-पानी के प्रदूषण से मर रहे हैं तो फिर फांसी क्यों दी जा रही है? दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है और यह गैस चैंबर में तब्दील हो चुकी है। ऐसे में उसे मृत्यु दंड अलग से देने की क्या जरूरत है?
दिल्ली का पानी भी जहरीला हो चुका है, ऐसे में जब जहरभरी हवा और पानी के चलते लोगों की उम्र काफी कम होती जा रही है फिर फांसी क्यों दी जा रही है। वेद पुराण और उपनिषद में लोगों के हजारों साल तक जीने का उल्लेख मिलता है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक सतयुग में लोग हजारों साल तक जीते थे। त्रेता युग में एक आदमी हजार साल तक जीता था, लेकिन अब कलयुग में आदमी की उम्र 50 से 60 साल तक सीमित रह गई है तो फिर ऐसे में फांसी की सजा देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि तब तक तो वह खुद मर जाता है।
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