4 दोषियों में से 2 दोषियों ने क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर दी है। दोषी
विनय ने अपने याचिका में गुहार लगाई है कि सुप्रीम कोर्ट इस बात पर गौर
करना चाहिए कि अपराध के वक्त वह महज 19 वर्ष का था।
दोषी विनय ने
अपनी याचिका में यह दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार और हत्या से
जुड़े 17 अन्य मामलों में मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है,
जिसमें नाबालिग भी शामिल हैं। ऐसे में दोषी विनय को भी राहत प्रदान करनी
चाहिए। आपको बताते जाए कि पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को चारों दोषियों
के लिए फांसी की तारीख 22 जनवरी की सुबह 7 बजे तय करने के बाद डेथ वॉरंट
जारी कर दिया था। डेथ वॉरेंट जारी करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट इस फैसले को
चुनौती देने के लिए चारों को 7 दिन का वक्त दिया था। फैसले के बाद
दोषियों के वकील वकील एपी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 5 सीनियर मोस्ट
जज सुनवाई करेंगे।
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