नई दिल्ली, । दिल्ली की एक अदालत ने
बुधवार को निक्की यादव हत्याकांड के मुख्य आरोपी साहिल गहलोत और पांच अन्य
की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी।
अभियुक्तों को उनकी हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया
गया और लिंक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने उनकी न्यायिक हिरासत 5 अप्रैल तक
बढ़ा दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गहलोत ने कथित तौर पर 10 फरवरी को कश्मीरी गेट के पास 23
वर्षीय निक्की का गला घोंट दिया था और उसी दिन दूसरी युवती से शादी कर ली
थी। चार दिन बाद निक्की का शव दिल्ली के बाहरी इलाके मित्राओं गांव में
गहलोत के एक ढाबे के फ्रिज में मिला था।
अदालत ने सोमवार को हत्या
की केस डायरी पेश नहीं करने के लिए पुलिस की खिंचाई की थी और जांच अधिकारी
(आईओ) को मंगलवार को इसके साथ आने को कहा था।
मंगलवार को अदालत ने आरोपी लोकेश यादव के मोबाइल लोकेशन के साथ कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) को संरक्षित करने का निर्देश दिया।
सीडीआर
के संरक्षण की मांग वाली याचिका को स्वीकार करते हुए लिंक मेट्रोपॉलिटन
मजिस्ट्रेट नितेश गोयल ने आईओ द्वारा केस डायरी पर हस्ताक्षर करने और
पृष्ठांकन करने की याचिका को भी अनुमति दी।
अदालत ने सोमवार को गहलोत सहित आरोपियों की न्यायिक हिरासत एक दिन और मंगलवार को एक दिन और बढ़ा दी थी।
मंगलवार
को सुनवाई के दौरान लोकेश यादव के वकील अनिरुद्ध यादव ने कहा कि आरोपी को
मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन हत्या और साजिश में उसकी कोई
भूमिका नहीं है।
वकील ने आगे तर्क दिया कि किसी भी हेरफेर से बचने
के लिए आरोपी के मोबाइल स्थान के साथ-साथ सीडीआर को संरक्षित करना आवश्यक
है और निष्पक्ष जांच के उद्देश्य से आईओ द्वारा केस डायरी पर हस्ताक्षर और
पृष्ठ अंकित करना भी आवश्यक है।
अधिवक्ता यादव ने यह भी प्रस्तुत
किया कि पुलिस द्वारा जब्त किए गए कुछ मोबाइल फोन में रिकॉर्डिग की सुविधा
है। सभी बातचीत रिकॉर्ड की जाती है और पुलिस ने उन्हें सुना होगा। इन फोनों
को सील कर जांच के लिए एफएसएल भेजा जाए।
दूसरी ओर, जांच अधिकारी ने
दावा किया कि हत्या के मामले में लोकेश यादव और अन्य संदिग्धों को
गिरफ्तार किया गया था और हत्या के दिन वे उत्तम नगर में उस फ्लैट के पास
थे, जहां निक्की यादव रहती थी।
उन्होंने यह भी कहा कि सीडीआर की प्रमाणित प्रति प्राप्त करने का अनुरोध संबंधित मोबाइल ऑपरेटर को भेज दिया गया है।
सोमवार को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पारस दलाल ने जांच अधिकारी को केस डायरी और पेज नंबर मंगलवार को पेश करने का निर्देश दिया था।
अदालत
ने नोट किया था कि आईओ ने अपनी अनुपस्थिति के कारण अदालत की सुनवाई में
भाग लेने के लिए एक उप निरीक्षक को नियुक्त किया था, जो केस डायरी नहीं
लाया था।
अदालत ने अधिवक्ता अनिरुद्ध यादव की दलीलों पर गौर करने के
बाद पुलिस से पूछा था कि उनके खिलाफ हत्या और साजिश से जुड़े अपराध कैसे
बनते हैं।
कोर्ट ने छह मार्च को गहलोत पांच अन्य की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी थी, जो सोमवार को समाप्त हो गई।
इससे
पहले लोकेश की ओर से अधिवक्ता यादव ने केस डायरी में मार्किं ग की मांग को
लेकर आवेदन दिया था और इसमें हेराफेरी पर नाराजगी जताई थी।
गहलोत
के पिता, वीरेंद्र सिंह, चचेरे भाई नवीन (दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल)
और आशीष और दोस्तों लोकेश और अमर पर यादव से छुटकारा पाने की साजिश रचने का
आरोप है, ताकि वह दूसरी महिला के साथ अपनी शादी कर सके।
एक वरिष्ठ
पुलिस अधिकारी के अनुसार, पुलिस हिरासत के दौरान गहलोत से लंबी पूछताछ की
गई और खुलासा किया कि यादव उसे किसी और से शादी करने से रोकने की कोशिश कर
रहा था, क्योंकि वे पहले ही 2020 में अपनी शादी कर चुके थे।
--आईएएनएस
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