नई दिल्ली । राष्ट्रीय जांच एजेंसी
(एनआईए) ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और
दिल्ली-एनसीआर में 50 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की ताकि भारत और विदेशों
में स्थित आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के बीच उभरती गठजोड़
को खत्म किया जा सके। सूत्रों ने इस छापेमारी की जानकारी दी है।
जानकारी के अनुसार, भारत और विदेशों में स्थित कुछ गिरोह के लोगों और उनके
सहयोगियों, जो इस तरह की आतंकी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं,
उनकी पहचान की गई और उनके खिलाफ अगस्त में एनआईए द्वारा दो मामले दर्ज किए
गए। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, केंद्रीय एजेंसी द्वारा की गई तलाशी का
आज दूसरा दौर था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एनआईए अधिकारी ने कहा- छापे और तलाशी का दूसरा दौर
शीर्ष गैंगस्टरों, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में स्थित उनके आपराधिक और
व्यापारिक सहयोगियों और उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में स्थित हथियार
आपूर्तिकर्ताओं पर एनआईए की कार्रवाई का हिस्सा है। अवैध शराब आपूर्ति
माफिया में संलिप्त उनके साथियों पर भी आज छापेमारी की गयी। सोनीपत निवासी
राजेश उर्फ राजू मोटा के परिसर की भी तलाशी ली गई, वह ड्रग तस्कर है।
जानकारी
के मुताबिक, पंजाब के अबोहर, भटिंडा, मुक्तसर साहब, मोगा, लुधियाना,
चंडीगढ़, मोहाली जिलों और हरियाणा के पूर्वी गुरुग्राम, भिवानी, यमुना नगर,
सोनीपत, महेंद्रगढ़, मानेसर, रेवाड़ी, रोहतक, झज्जर जिलों में वहीं
राजस्थान के चूरू, भरतपुर और अलवर इसके अलावा यूपी के नोएडा, बुलंदशहर और
सोनभद्र जिले छापेमारी में शामिल रहे तो दिल्ली में भी कई जगहों पर तलाशी
अभियान चलाया गया।
तलाशी के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में रहने
वाले एक अधिवक्ता आसिफ खान के घर से गोला-बारूद सहित पांच पिस्तौलें बरामद
की गई हैं, जिसमें 4 पिस्तौल का जखीरा भी शामिल है। वह हरियाणा और दिल्ली
के विभिन्न गैंगस्टरों से जुड़ा था। सेमी नॉक डाउन हालत में कुछ हथियार भी
बरामद किए गए हैं। इसकेअलावा खुर्जा, बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) से,
आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, अपराध की आय के माध्यम से बनाई गई
बेनामी संपत्ति के बारे में विवरण, नकद, सोने की छड़ें और सोने के आभूषण
समेत धमकी भरे पत्र भी जब्त किए गए हैं।
अधिकारी ने कहा- जांच से
पता चला है कि ये गिरोह लक्षित हत्याओं को अंजाम दे रहे थे और ड्रग्स और
हथियारों की तस्करी के जरिए ऐसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए
धन भी जुटा रहे थे। हाल ही में सनसनीखेज अपराध और आपराधिक गिरोहों और
गैंगस्टरों द्वारा व्यवसायियों, पेशेवरों, जिनमें डॉक्टर आदि शामिल हैं,
उनको जबरन वसूली की कॉलों ने लोगों में व्यापक भय पैदा कर दिया था। ये
गिरोह बड़े पैमाने पर जनता के बीच आतंक पैदा करने के लिए इन अपराधों को
प्रचारित करने के लिए साइबर स्पेस का इस्तेमाल कर रहे थे।
एनआईए को
यह भी पता चला है कि आतंकवादियो, गैंगस्टरों और नशीली दवाओं की तस्करी करने
वाले गिरोहों और नेटवर्कों के बीच गहरी साजिश थी, जो देश के भीतर और बाहर
दोनों जगह से काम कर रहे थे। कई गिरोह के नेता और सदस्य भारत से भाग गए और
पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया आदि सहित विदेशों से काम कर रहे
हैं।
शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता कॉमरेड बलविंदर सिंह की पंजाब में
हत्या जैसे मामलों में एनआईए द्वारा चल रही जांच में यह भी पता चला कि
इनमें से अधिकांश साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों के अंदर से रची जा रही
थीं और विदेशों में स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा क्रियान्वित
की जा रही थीं।
--आईएएनएस
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