नई दिल्ली। गुजरात में एक विशेष एनआईए अदालत ने इस्लामिक स्टेट के नाम पर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने और कैडरों की भर्ती करने में शामिल होने के आरोप में दो आतंकवादियों को दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सगे भाइयों वसीम आरिफ रामोदिया उर्फ निंजा फॉक्स और नईम आरिफ रामोदिया उर्फ एनडी को दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जांच एजेंसी ने कहा, "जांच में पता चला है कि उन्होंने आईएस की विचारधारा की वकालत करने और उसका प्रसार करने के लिए ऑनलाइन चैट और संदेशों का इस्तेमाल किया। उन्होंने हिंसा और आतंकवाद के कृत्यों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए सक्रिय आईएस गुर्गो के बीच ऑनलाइन चर्चाओं और बैठकों के आयोजन की व्यवस्था की, भाग लिया और सहायता की।"
एनआईए ने कहा कि आरोपियों ने गैर-मुसलमानों के वाहनों और दुकानों को आग लगाने की कोशिश की थी। इन्होंने आईईडी बनाने का भी प्रयास किया था।
एनआईए ने चार्जशीट में आरोप लगाया, "अपने ऑनलाइन आईएस संचालकों के निर्देश पर, दोनों आरोपी चोटिला मंदिर में हमले को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने पहले ही इलाके की रेकी कर ली थी, लेकिन हमले को अंजाम देने से पहले ही उन्हें पकड़ लिया गया।"
मामला शुरू में 2017 में पीएस एटीएस अहमदाबाद, गुजरात में दर्ज किया गया था और बाद में, मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली थी।(आईएएनएस)
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