नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सुशांत लोक फेज वन, गुड़गांव में अपनी परियोजना द्वारा विभिन्न पर्यावरणीय उल्लंघनों के लिए अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एपीआईएल) पर 153.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार (4 जुलाई) को अपने आदेश में कहा, "153,50,62,892 रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा प्रतिवादी 11 (एपीआईएल) द्वारा भुगतान किया जाएगा और तीन महीने के भीतर एचएसपीसीबी के पास जमा किया जाएगा।"
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यह आदेश पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन के मामले में सुनाया गया।
दरअसल, सुशांत लोक वन निवासियों ने 4 सितंबर 2018 को एनजीटी में याचिका दायर की थी।
याचिका में कहा गया कि सी ब्लॉक के पार्क और सड़कों पर अतिक्रमण किया गया। भूजल का अवैध रूप से दोहन किया जा रहा है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है। सीवर का पानी बरसाती नालों में जा रहा है।
आरोप था कि इस रियल एस्टेट कंपनी ने 45 प्रतिशत जमीन सडक, ओपन स्पेस, स्कूल, कॉमन एरिया के लिए छोड़नी थी, जो नहीं है।
ट्रिब्यूनल ने टीसीपीडी, गुरुग्राम को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) को 2 करोड़ रुपये का जुर्माना जमा करने के लिए भी कहा है।
"टीसीपीडी हरियाणा ने यांत्रिक तरीके से लाइसेंस दिए, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं किया कि क्या एपीआईएल-पीपी द्वारा लाइसेंस की पहले की शर्तो का पालन किया गया था या नहीं।"
--आईएएनएस
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