नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय महिला नीति (एनपीडब्ल्यू) के मसौदे को प्रधानमंत्री कार्यालय की मंजूरी का इंतजार है, लेकिन उनका मंत्रालय अभी भी इसे चरणों में लागू कर सकता है। एनपीडब्ल्यू का मकसद महिलाओं के लिए स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और पोषण सुनिश्चित करना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मंत्रालय की एक प्रेस कांफ्रेंस में डब्ल्यूसीडी के सचिव राकेश श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘मसौदे को हालांकि अभी मंजूरी दिया जाना है, लेकिन हमने उन बिंदुओं को लिया है जो हमारे द्वारा लागू किए जा सकते हैं।’’ एनपीडब्ल्यू की स्थिति के बारे में पूछने पर मेनका गांधी ने कहा कि यह ‘मसौदा प्रधानमंत्री कार्यालय के पास है।’
मेनका गांधी ने कहा, ‘‘यह नीति बहुत दूरदर्शी दस्तावेज है। हमने मंत्रियों के समूह के साथ 11 बैठकें की हैं और सभी ने अपना बेहतरीन दिया है।’’ इससे पहले डब्ल्यूसीडी ने प्रगतिशील कदम लेते हुए दस्तावेज के लिए जनता से सिफारिशें मांगी थी और उनमें से दस्तावेज में कुछ सुझावों को शामिल किया गया है।
मंत्री ने कहा, ‘‘मेरी तरफ से बिना किसी टिप्पणी के मैंने हमें मिले हर एक सुझाव की सूची बनाई और इसे 11 मंत्रियों के बीच प्रसारित किया। उन्होंने साधारण तौर पर अपनी पसंद व नापसंद को चिन्हित किया और फिर हमने सबसे ज्यादा पसंद किए गए बिंदुओं पर विचार किया और इन्हें शामिल किया।’’ राष्ट्रीय महिला नीति को 15 सालों के बाद संशोधित किया जा रहा है और इससे सरकार के महिला मुद्दों पर कार्रवाई को अगले 15-20 सालों लिए मार्गदर्शन मिलने की उम्मीद है।
--आईएएनएस
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