नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की स्थापना के लिए शुक्रवार को एक विधेयक लोकसभा में पेश किया। यह आयोग भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की जगह लेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह विधेयक चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा व्यवसाय व चिकित्सा संस्थानों से संबंधित सभी पहलुओं के नियमन व विकास के लिए एक राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की स्थापना और आयोग को सलाह व सिफारिश देने के लिए एक चिकित्सा सलाहकार परिषद के गठन का रास्ता साफ करेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने जैसे ही विधेयक पेश किया, विपक्षी सदस्यों ने कहा कि विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
हालांकि, नड्डा ने कहा कि विधेयक को संसदीय समिति के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है, जिसके बाद इसे पेश किया गया है।
विधेयक के जरिए चार स्वायत्त बोर्डो के गठन का भी रास्ता साफ होगा। स्नातक चिकित्सा शिक्षा मंडल स्नातक स्तर की चिकित्सा शिक्षा का नियमन करेगा।
परास्नातक चिकित्सा शिक्षा मंडल परास्नातक स्तर की पर चिकित्सा शिक्षा का नियमन करेगा। चिकित्सा आकलन एवं मूल्यांकन मंडल चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण करेगा, उनका आंकलन करेगा व उनका मूल्यांकन करेगा।
इसके अलावा, आचार एवं चिकित्सा पंजीकरण मंडल चिकित्सकों व चिकित्सा पेशेवरों में पेशेवर आचरण का नियमन करेगा और चिकित्सा आचार को बढ़ावा देगा।
यह सभी लाइसेंस धारी चिकित्सकों व आयुष चिकित्सकों का अलग-अलग राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार करेगा।
आयोग देश में और देश के बाहर के चिकित्सा संस्थानों व विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की गई चिकित्सा योग्यता तथा भारत में वैधानिक व अन्य संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई योग्यता को मान्यता प्रदान करेगा।
आयोग स्नातक चिकित्सा शिक्षा में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय योग्यता-सह-प्रवेश परीक्षा तथा स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में दाखिले के लिए राष्ट्रीय अनुज्ञाप्राप्त परीक्षा का आयोजन करेगा।
--आईएएनएस
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