याचिका में कहा गया है कि इन मूल्यवान अधिकारों को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के बिना हटा दिया गया है, जो संवैधानिक नैतिकता के सभी प्रावधानों का उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से राष्ट्रपति के आदेश को असंवैधानिक और निष्क्रिय घोषित करने की अपील की। अनुच्छेद-370 के तहत, जम्मू एवं कश्मीर राज्य को स्वायत्तता मिली हुई है, और यहां की विधानसभा संचार, रक्षा, वित्त और विदेशी मामलों के क्षेत्रों को छोडक़र अपने स्वयं के कानूनों का मसौदा तैयार करने के लिए स्वतंत्र थी। इसके अलावा राज्य में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं।
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