नई दिल्ली। फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की कुछ दिनों पहले बुलंदशहर में गोहत्या की अफवाह पर भडक़ी हिंसा पर की गई टिप्पणी पर देश में बवाल मचा हुआ है। दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे बर्ताव किया जाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस बयान पर नसीरुद्दीन भडक़ते हुए कहा कि पहले अपने देश को संभालें। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर आपत्ति दर्ज करवाते हुए लिखा है कि पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक केवल मुस्लिम ही राष्ट्रपति बनने की योग्यता रखता है। भारत ने विभिन्न शोषित समुदायों के राष्ट्रपति देखे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को नसीहत देते हुए कहा कि यह सही समय है जब साहब अल्पसंख्यक अधिकारों और समावेशी राजनीति के बारे में हमसे सीखें।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार , इमरान खान ने लाहौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नसीरुद्दीन शाह की इस टिप्पणी पर कॉमेंट किया। इस मामले को मोहम्मद अली जिन्ना से जोड़ते हुए उन्होंने अल्पसंख्यकों के नाम पर भारत को घेरने का प्रयास किया। खान ने कहा कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि देश में अल्पसंख्यकों को उचित और समान अधिकार मिल सकें। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की भी यही सोच थी।
इमरान खान का इस विवाद में कूदने पर नसीरुद्दीन शाह ने पाकिस्तान के इमरान खान को करारा जवाब दिया।
शाह ने द संडे एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि मुझे लगता है कि मिस्टर खान को सिर्फ उन विषयों पर ही बात करनी चाहिए जो उनके देश से सम्बंधित हैं न कि उन विषयों पर जिनका उनसे वास्ता ही नहीं है। हम पिछले 70 सालों से एक लोकतंत्र हैं और जानते हैं कि हमें अपनी देखभाल कैसे करनी है।
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