नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने गुजरात में 2008 के श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के कथित मास्टरमाइंड और भारत का बिन लादेन कहे जाने वाले संदिग्ध इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया है। इन विस्फोटों में 56 लोगों की मौत हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस उपायुक्त प्रमोद सिंह कुशवाहा ने संवाददाताओं को बताया, इंडियन मुजाहिदीन-स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सबसे ज्यादा वांछित आतंकवादियों में से एक अब्दुल सुबहान कुरैशी को हल्की गोलीबारी के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कुशवाहा ने कहा कि कुरैशी (39) को पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर से गोलीबारी के बाद शनिवार की रात को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह अपने एक पुराने साथी से मिलने आया था। कुरैशी अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को श्रृखंलाबद्ध विस्फोटों की साजिश रचने का आरोपी है। इस विस्फोट में भीड़ वाले बाजार व बस स्टेशनों पर 21 बमों को टिफिन बाक्स व मोटर साइकिलों में रखा गया था। इसमें 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। यह आंकड़े और बढ़ सकते थे लेकिन कई तकनीकी कारणों से 29 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) में विस्फोट नहीं हुआ।
कुशवाहा ने कहा, उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले कुरैशी पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से चार लाख का इनाम घोषित किया गया था। वह उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक समेत कई राज्यों में इंडियन मुजाहिदीन को फिर से खड़ा करना चाहता था। उन्होंने कहा गिरफ्तार आईएम आतंकी ने अपने सहयोगियों के साथ मध्य प्रदेश, केरल, गुजरात और कर्नाटक में वर्ष 2007-08 के दौरान चार प्रशिक्षण शिविर में अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया था। इन प्रशिक्षण शिविरों में काडर को भारतीय प्रतिष्ठानों के खिलाफ युद्ध छेडऩे और जिहाद के लिए प्रशिक्षित किया गया था।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, कुरैशी उन शिविरों का मुख्य प्रशिक्षणकर्ता और आयोजनकर्ता था, जहां प्रशिक्षण लेने वाले को हथियार चलाने, पहाड़ों पर चढऩे, तैराकी, शारीरिक फिटनेस, पेट्रोल बम बनाने और अन्य चीजों का प्रशिक्षण दिया जाता था। अगर यह गिरफ्तार हों तो जांचकर्ताओं को भटकाने के लिए इन्हें मनोवैज्ञानिक और अन्य विशेष प्रशिक्षण दिए जाते थे।
कुशवाहा ने कहा, कुरैशी ने रियाज भटकल और कुछ अतिवादी युवकों के साथ मिलकर इंडियन मुजाहिदीन की आधारशिला रखी थी। वह गुजरात बम धमाके की साजिश रचने पुणे गया था। उसके सहयोगी और सिमी प्रमुख सफदर नगोरी समेत 11 अन्य के वर्ष 2008 में पकड़े जाने के बाद, वह गुजरात भाग गया था और वहां से नेपाल चला गया, जिसके बाद वह फर्जी पहचान के साथ वहीं रह रहा था।
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