राज्यसभा के चार सांसद पहले ही भाजपा
में शामिल हो चुके हैं और अब अन्य नेता हमसे संपर्क कर रहे हैं।"
हालांकि, देवधर ने यह नहीं बताया कि तेदेपा के कितने सांसद उनके संपर्क में
हैं। लेकिन पार्टी के सूत्रों ने खुलासा किया है कि तेदेपा के 16 से 17
विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और नायडू को छोड़ सकते हैं।
इस समय आंध्र प्रदेश की 175 सदस्यीय विधानसभा में तेदेपा के सिर्फ 23
विधायक हैं। भाजपा के संपर्क में रहने वाले तेदेपा विधायकों की संख्या दो
तिहाई से अधिक है, जो दलबदल रोधी कानूनों के तहत जरूरी है।
बीते हफ्ते के शुरुआत में तेदेपा के चार राज्यसभा सदस्यों का दलबदल नायडू
के लिए एक झटका था।
नायडू को हाल के आम
चुनावों में शर्मनाक हार मिली है। सूत्रों ने कहा कि तेदेपा अध्यक्ष नायडू
अपने परिवार के साथ विदेश यात्रा पर थे, जब राज्यसभा के सदस्यों ने दलबदल
की।
नायडू के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव
ने कहा कि वह वर्तमान मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के आदेश का
इंतजार कर रहे हैं। रेड्डी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि गंभीर धोखाधड़ी व
भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में तेदेपा नेतृत्व के लिए सीबीआई जांच की
सिफारिश की जाएगी।
देवधर ने कहा कि देखते
हैं कि (जगन के आश्वासन का)क्या नतीजा होता है। अगर सीबीआई जांच की सिफारिश
करने में जगन द्वारा देरी की जाती है तब भ्रष्टाचार के मुद्दों को
उठाएंगे, जो नायडू व उनके परिवार से जुड़ा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक रहे सुनील देवधर को पार्टी
अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ ही महीने पहले आंध्र प्रदेश का प्रभारी बनाया है।
त्रिपुरा प्रभारी रहने के दौरान देवधर ने वाम पार्टियों के खिलाफ आक्रामक
प्रचार अभियान शुरू किया था और चार बार के मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार को
सत्ता से बाहर होना पड़ा।
(आईएएनएस)
कोर्ट को आप ने राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है, भारतीय न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश : शहजाद पूनावाला
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope