नई दिल्ली। मोदी सरकार के खिलाफ आज लोकसभा
में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा। नरेंद्र मोदी की सरकार अपने
कार्यकाल के पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी। लोकसभा में पेश होने
वाला अविश्वास प्रस्ताव सरकार के लिए परीक्षा कम है बल्कि विपक्ष की
परीक्षा ज्यादा है क्योंकि संख्या बल सरकार के साथ है। देखना दिलचस्प होगा
कि सरकार के खिलाफ विपक्ष कितनी मजबूती से टिक पाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकार की
ओर से जीत का दावा किया जा रहा है तो वहीं विपक्ष का भरोसा है कि अविश्वास
प्रस्ताव के जरिए सरकार को संसद में बेनकाब करने का मौका मिलेगा। अविश्वास
प्रस्ताव में सभी पार्टियों के बोलने का समय तय कर दिया गया है। संख्या के
हिसाब से पार्टियों के समय तय हुए हैं। बीजेपी को सबसे ज्यादा 3 घंटे और 33
मिनट बोलने का समय मिला जबकि कांग्रेस को 38 मिनट का समय दिया गया है।
अविश्वास प्रस्ताव से जुड़ी पल-पल की अपडेट::::
- प्रधानमंत्री ने अमरावती को दिल्ली से अच्छा बनाने का वादा किया था: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- हमें रेवेन्यू डेफिसिट की भरपाई के लिए भी पर्याप्त फंड नहीं मिला: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- आंध्र प्रदेश के साथ बुंदेलखंड से भी ज्यादा भेदभाव हुआ है: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- गल्ला ने कहा कि केंद्र ने हमारे खाते से पैसे वापस लिए जिससे राज्य को काफी वित्तीय नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि आंध्र के लिए जो परियोजनाओं लाने की बात की गई थी उसके लिए भी कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए।
-
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा तय समय से लंबी खिंच सकती है।
टीडीपी के लिए 13 मिनट तय था, जबकि उसके सांसद जैदेव गल्ला 30 मिनट से बोल
रहे हैं।
- हम लोग सरकार के साथ हैं: अविश्वास प्रस्ताव पर नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
- क्या आपको लगता है कि आंध्र प्रदेश के लोग आप पर भरोसा करेंगे?: मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए जैदेव गल्ला, टीडीपी
- मैं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का अनुरोध करता हूं: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- आने वाले चुनाव में आंध्र प्रदेश की जनता करारा जवाब देगी, हम धमकी नहीं श्राप दे रहे हैं: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- आंध्र प्रदेश के लोग ठगे गए हैं, प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ इस तरह धोखा कैसे कर सकते हैं?: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- आंध्र प्रदेश के विभाजन को लेकर) मोदी ने कहा था कि कांग्रेस ने मां को
मार दिया और बच्चे को बचा लिया। मोदी ने कहा था कि मैं मां को बचाऊंगा:
जैदेव गल्ला, टीडीपी
- आंध्र प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय भी काफी कम है: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- सेवा क्षेत्र के मामले में भी आंध्र प्रदेश पिछड़ गया है: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- आंध्र प्रदेश के लोगों को नहीं मिले पर्याप्त संसाधन: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- चर्चा के दौरान हंगामे से खफा हुईं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन
- कांग्रेस और बीजेपी दोनों की वजह से आंध्र प्रदेश की हालत खराब हुई: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- लोकसभा में टीडीपी के सांसद जैदेव गल्ला के बोलने के दौरान हंगामा शुरू।
- मोदी सरकार की वजह से चुनौतियां पैदा हुईं: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ धोखा किया है: जैदेव गल्ला, टीडीपी
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शुरुआती हंगामे के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है। चर्चा
की शुरुआत गुंटूर से टीडीपी के सांसद जैदेव गल्ला कर रहे हैं।
- लोकसभा में टीडीपी के सांसद जैदेव गल्ला के बोलने के दौरान हंगामा शुरू।
- मोदी सरकार की वजह से चुनौतियां पैदा हुईं: जैदेव गल्ला, टीडीपी
- मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ धोखा किया है: जैदेव गल्ला, टीडीपी
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शुरुआती हंगामे के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है। चर्चा
की शुरुआत गुंटूर से टीडीपी के सांसद जैदेव गल्ला कर रहे हैं।
- बीजेडी के सांसदों ने लोकसभा से किया वॉकआउट।
- पार्टियों को चर्चा के लिए मिले समय से कांग्रेस खुश नहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे ने उठाया मुद्दा।
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लोकसभा की कार्यवाही शुरू, थोड़ी देर में होगी मोदी सरकार के खिलाफ
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा।
- केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद बोले- मोदी
सरकार के साथ है देश का विश्वास
- संसद में अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ पीएम मोदी की बैठक जारी।
- अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के समय शिव सेना सदन से गैर-हाजिर रहेगी।
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130 करोड़ भारतीयों के मुद्दे और इस सरकार की कमियों को उजागर करने के लिए
क्या यह समय हमारे लिए पर्याप्त है? हर पार्टी को (बोलने के लिए) 30 मिनट
मिलने चाहिए थे: मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस
- लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह संसद पहुंचे।
- जैसा कि राहुल जी ने कहा था कि भूकंप आएगा तो भूकंप जरूर आए
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पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आज 10:30 बजे बुलाई बैठक- सरकार
को सदन में अपनी जन-विरोधी नीतियों का जवाब देना होगा: सिंधिया
- सरकार की तरफ से राजनाथ सिंह, राकेश सिंह, वीरेंद्र सिंह मस्त और अर्जुन राम मेघवाल चर्चा में हिस्सा लेंगे।
- अविश्वास प्रस्ताव लाने वाला मुख्य दल तेलुगू देशम पार्टी (TDP) आज
लोकसभा में इस पर चर्चा की शुरुआत करेगा। स्पीकर ने पार्टी को बोलने के लिए
13 मिनट का समय दिया है। TDP की ओर से जयदेव गल्ला पहले वक्ता होंगे।
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चर्चा के लिए बीजेपी को 3 घंटे 33 मिनट मिले हैं, जबकि कांग्रेस को 38
मिनट दिए गए हैं। इसके अलावा AIADMK, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल (BJD),
तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) को क्रमश: 29 मिनट, 27 मिनट, 15 मिनट और 9
मिनट का समय दिया गया है।
- सबसे ज्यादा बार
अविश्वास प्रस्ताव इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ पेश किए गए। 1966 से 1975
के बीच 12 बार और 1981 एवं 1982 में तीन बार उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास
प्रस्ताव पेश किया गया।
- समाजवादी नेता आचार्य
कृपलानी ने 1963 में जवाहर लाल नेहरू सरकार के खिलाफ भारतीय लोकतंत्र के
इतिहास में पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। यह अविश्वास प्रस्ताव 347
मतों से गिर गया था।
- चर्चा आज सुबह 11 बजे शुरू
होगी। हमारी पार्टी सही फैसला लेगी, 10:30 -11:00 के बीच पार्टी प्रमुख
खुद अपना फैसला पार्टी को बताएंगे: अविश्वास प्रस्ताव पर संजय राउत, शिव
सेना
- केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी के बयान
बोलूंगा तो भूकंप आ जाएगा का मजाक उड़ाया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा-
भूकंप के मज़े लेने के लिए तैयार हो जाइए।
- शिवसेना ने मोदी सरकार पर
जमकर निशाना साधा है। पार्टी ने मोदी सरकार पर विश्वासघात का आरोप लगाया।
यही नहीं चुनावों में अकूत धन, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के भी आरोप लगाए।
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अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट
कर कहा है, आज हमारे संसदीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण दिन है। मुझे
उम्मीद है कि मेरे साथी सांसद और सहयोगी इस अवसर पर एक रचनात्मक, व्यापक,
रुकावट मुक्त और ठोस बहस करेंगे। हम इसके लिए हमारे संविधान के निर्माताओं
को श्रेय देते हैं। आज भारत हमें बारीकी से देखेगा।
क्या है लोकसभा का गणित :-
अंकगणित
के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास कुल 273 सांसद हैं। वहीं
अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी सहयोगियों को मिला दिया
जाए तो आंकड़ा 310 के पार चला जाता है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन
(यूपीए) के पास मात्र 63 सांसद हैं। जबकि अन्य दलों के कुल 157 सासंद है।
आंकड़ो के मुताबिक अगर सभी विपक्षी दलों को मिला भी दिया जाए तो भी सरकार
के लिए कोई खतरा नजर नहीं आता।
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि वोटिंग
के दौरान एआईएडीएमके के 37 और टीआरएस के 11 सांसद सदन में अनुपस्थित
रहेंगे। ऐसे में बीजेपी के लिए कहीं से कोई खतरा नज़र नहीं आता।
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