नई दिल्ली। विपक्ष द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में रखे गए अविश्वास प्रस्ताव को स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिसे लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भारी हंगामें के बीच स्वीकार कर लिया। टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस, सीपीएम, एनसीपी और आरएसपी ने सहमति जताई है। आपको बता दें कि पिछले चार साल में पहली बार है जब मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा, हम चर्चा के लिए तैयार हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समय और तारीख आज बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय की जाएगी।
हम आराम से जीतेंगे और विपक्ष को अपनी ताकत दिखाएंगे : सोनिया गांधी...
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कौन कहता है कि हमारे पास संख्या नहीं है? सोनिया गांधी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा, 'मुझे लगता है कि इस तरह के आत्मविश्वास से कुछ नहीं मिलेगा। हम 20 जुलाई को स्पष्ट बहुमत साबित करेंगे। हम आराम से जीतेंगे और विपक्ष को अपनी ताकत दिखाएंगे।'
हम सामना करने के लिए तैयार : धर्मेंद्र प्रधान
वहीं धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'अटल जी के कार्यकाल के दौरान भी कांग्रेस ने इसी तरह का अहंकार दिखाया था और उन्हें परिणामों का सामना करना पड़ा था। भारतीयों ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना नेता चुना है और उनका उन पर विश्वास है। हम उनका सामना करने के लिए तैयार हैं।'
जनता के मन में अविश्वास : रामगोपाल यादव
समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने कहा, 'विपक्ष में संख्या नहीं है, लेकिन ऐसे लोग हैं जो दूसरों को बताएंगे कि सरकार ने राष्ट्र को कैसे बेवकूफ बना दिया है। सरकार गिराने लायक जब नंबर नहीं हैं तो मकसद क्यों सरकार गिराने का है? विश्वास ये है कि जनता के मन में अविश्वास पैदा कर दें।'
तृणमूल का एक भी सांसद सदन में नहीं रहेगा : दिनेश त्रिवेदी
सदन में तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हम 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाते हैं और उसके आयोजन की वजह से 20 जुलाई को तृणमूल का एक भी सांसद सदन में नहीं रहेगा। इसलिए शुक्रवार की जगह चर्चा सोमवार को कराई जाए। हालांकि बाद में उन्हीं की पार्टी के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'हमने निर्णय किया है कि टीएमसी अपने 34 लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी कर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए मौजूद रहने को कहेगी।
अविश्वास प्रस्ताव :-
केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास पूर्ण बहुमत है। ऐसे में साफ है कि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा। मोदी सरकार को 312 सदस्यों का समर्थन हासिल है और खुद बीजेपी के पास जरूरी 268 सीटों से 4 सीट ज्यादा यानी 272 सीटें हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश और बिहार में हुए उप चुनावों में हारने के बाद बीजेपी के 272 सदस्य हैं। इसके सहयोगी दलों के 40 सदस्यों को मिला दिया जाए तो यह संख्या 312 पर पहुंच जाती है।
आपको बता दें कि मानसून सत्र से पहले बजट सत्र भी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने समेत अन्य मुद्दों पर हंगामें की भेंट चढ़ गया था। आज भी जब मानसून सत्र की शुरुआत हुई तो विपक्षी दलों ने मॉब लिंचिंग और विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने को लेकर हंगामा किया। जिसके बाद दोपहर होते होते लोकसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। आंध्र प्रदेश को सत्तारूढ़ टीडीपी समेत अन्य सभी पार्टियां वाईएसआर कांग्रेस और कांग्रेस विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग कर रही है।
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