नई दिल्ली।मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह कार्रवाई विशेष अदालत के आदेश पर की गई, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही थी।अमानतुल्लाह खान को दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते गिरफ्तार किया गया था।
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ED ने कहा कि उसने पहले ही चार व्यक्तियों और एक संस्था के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। हम आरोपी अमानतुल्लाह खान के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल करेंगे।
आप विधायक अमानतुल्लाह खान गिरफ्तार, विवादों से है पुराना नाता
अपनी विधायकी के शुरुआती दौर से ही अमानतुल्लाह खान विवादों में घिरे रहे हैं। चाहे वह महिला के साथ यौन शोषण का मामला हो, या फिर अपनी पार्टी के नेता से विवाद। इसके अलावा दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ मारपीट मामले में भी एक अन्य विधायक के साथ अमानतुल्लाह खान का नाम सुर्खियों में रहा था।
सीबीआई ने वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं को लेकर अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने विधायक अमानतुल्लाह खान और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश की धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रवधान के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके साथ ही विधायक के खिलाफ एसीबी और ईडी भी समानांतर जांच कर रही है।
अमनातुल्लाह खान पर आरोप है कि 2016 में दिल्ली वक्फ बोर्ड के चैयरमैन रहते हुए उन्होंने 32 पदों पर अवैध नियुक्ति करने के साथ बोर्ड की संपत्ति को भी किराए पर दिया था। अमानतुल्लाह खान पर यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है। इससे पहले इसी वक्फ बोर्ड मामले में सीबीआई और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) भी उनकी जांच कर चुकी है। ईडी ने अपनी जांच में पांच हजार पन्नों की चार्जशीट में अमानतुल्लाह खान पर अज्ञात स्रोतों से आय अर्जित करने, जमीनों की खरीद-बिक्री में गड़बड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोप लगाए थे। इसके साथ-साथ उनके पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी ईडी ने चार्जशीट में आरोपी बनाया था।
दरअसल, अमानतुल्लाह खान 2016 में छह महीने के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे। साल 2016 में ही अमानतुल्लाह खान पर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने शिकंजा कसा था। उस समय शिकायतकर्ता मोहम्मद मुस्तफा ने दावा किया था कि विधायक ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों की वक्फ बोर्ड में भर्ती कराई है।
2017 में अमानतुल्लाह और पार्टी के तत्कालीन नेता कुमार विश्वास के बीच विवाद छिड़ गया था। इसके बाद अमानतुल्ला ने पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी से इस्तीफा दे दिया था। फरवरी 2018 में दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट में एक और विधायक के साथ अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
इसके बाद 2018 से 2020 तक एक बार फिर अमानतुल्लाह खान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन पर कई संपत्तियों को किराए पर देने का आरोप लगा। इसके बाद सितंबर 2022 में एसीबी ने खान से पूछताछ की थी। इसके बाद उनके घर रेड पड़ी और 24 लाख रुपए और हथियार बरामद होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, 28 दिसंबर 2022 को उन्हें जमानत मिल गई थी।
दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी ने 2023 में अमानतुल्लाह के घर में रेड की थी। ईडी ने चार्जशीट दाखिल करने के बाद लगातार छह बार अमानतुल्लाह को समन भेजे थे। इसके बाद वह 18 अप्रैल को ईडी के ऑफिस पहुंचे थे, जहां उनसे 13 घंटे की पूछताछ हुई थी।
इसी साल मई में अमानतुल्लाह खान के बेटे का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें उनके बेटे ने नोएडा के सेक्टर 95 के एक पेट्रोल पंप के कर्मचारियों के साथ गुंडागर्दी की थी। इस केस में खान भी मौके पर पहुंचे थे और उनके खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इस दौरान वह और उनका बेटा काफी दिनों तक फरार रहे थे। बाद में कोर्ट से स्टे मिलने के बाद वह वापस आए थे।
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