नई दिल्ली। देश की जेलों में कैदियों की दिन-ब-दिन बढ़ती भीड़ ने नरेन्द्र मोदी सरकार को परेशान कर दिया है। केंद्र सरकार इस बात को लेकर भी चौकन्ना है कि जेलों में आपराधिक गतिविधियों और कट्टरता पर तत्काल काबू पाया जाए। इसके लिए मोदी सरकार आने वाले दिनों में 18 अरब रुपए (1800 करोड़) खर्च करने का मन बना चुकी है। इस बजट का अधिकांश हिस्सा 199 नई जेलों के निर्माण पर खर्च किया जाना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकार मानती है कि जेलों में आए दिन होने वाले झगड़े-फसाद की प्रमुख वजह उनमें कैदियों की अधिक संख्या है। केंद्र सरकार चाहती है कि जेल में बंद कैदियों को 'जेल' (सजायाफ्ता और विचाराधीन दोनों श्रेणी) में रहने के दौरान कोई कष्ट न हो। लेकिन जेलों में मौजूद भीड़ के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।
फिलहाल किसी 'यातना-गृह' सी मालूम पड़ने वाली तमाम जेलों को 'सुधार-गृह' का रूप देने की योजना को सरकार अंतिम रूप दे चुकी है, जिसे जल्द ही अमली जामा पहनाया जा सकता है। इस बात को केंद्रीय गृह-राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी भी स्वीकारते हैं।
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