नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर मीडिया पर ‘दबाव डालने और भयभीत’ करने का आरोप लगाया, ताकि मीडिया सरकार के खिलाफ कुछ न लिख सके। खडग़े ने शून्य काल के दौरान लोकसभा में कहा कि बोलने का, लिखने का अधिकार दिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अनच्छेद 19 के अंतर्गत हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है। लेकिन यह काफी खेदजनक है कि मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के कई प्रयास किए जा रहे हैं। खासकर तब, जब मीडिया सरकार के विरुद्ध जाती है या वास्तविकता बाहर लाती है, उन्हें डराने और कुचलने का प्रयास किया जा रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि मामला निजी चैनल से जुड़ा हुआ है और पूछा कि क्या उनके पास कोई तथ्य या आंकड़े हैं। सत्तापक्ष के सदस्यों ने खडग़े के बयान का विरोध किया। खडग़े उस समाचार रिपोर्ट का हवाला दे रहे थे जिसमें छत्तीसगढ़ के कान्हारपुरी के सरपंच ने बताया था कि एक महिला किसान चंद्रमनी को मोदी से बात करने के दौरान नई दिल्ली के कृषि विभाग द्वारा सिखाई गई बातों को बोलने के लिए कहा गया था।
मोदी ने 20 जून को देश के विभिन्न भागों के किसानों से संवाद किया था। खडग़े ने कहा कि तीनों लोगों और चैनल पर भारी दबाव बनाया गया और अंत में प्रबंधन को दोनों कर्मचारियों को संस्थान से निकालना पड़ा। यह उन्हें शांत करने का प्रयास है।
राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल को डराने के एक और उदाहरण के बारे में बताते हुए खडग़े ने कहा कि सेंट्रल हॉल में भी, एक वरिष्ठ सांसद ने मीडिया को चुनौती दी थी कि अगर आप हमारी सोच के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे तो हम आपके चैनल को बंद कर देंगे और उन्होंने ऐसा किया भी।कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्रीय टीवी चैनल को 24 घंटों के लिए बंद कर दिया गया था।
वडोदरा-अहमदाबाद एक्सप्रेसवे पर ओवरलोड कार के ट्रक से टकराने से 10 की मौत
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में लिया चुनावी तैयारियों का जायजा
भारतीय-अमेरिकी छात्रा ने नासा का पावर टू एक्सप्लोर चैलेंज जीता
Daily Horoscope