नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने परवर्ती और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मतदाताओं की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल करार दिया। उन्होंने मोदी पर केंद्रीय जांच ब्यूरो और विश्वविद्यालयों जैसे राष्ट्रीय संस्थानों का माहौल बिगाडऩे का आरोप लगाया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वह कांग्रेस नेता शशि थरूर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लिखी गई किताब ‘पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर : नरेंद्र मोदी एंड हिज इंडिया’ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।
सिंह ने कहा कि मोदी की सरकार भारत की परिकल्पना को खतरा है और उनकी बातों और वादों से मतदाताओं का भरोसा उठ गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनकी (मोदी) अगुवाई वाली सरकार व्यापक सांप्रदायिक हिंसा, मॉब लिंचिंग और गौ-रक्षण के आगे ज्यादातर चुप ही रहती है। हमारे विश्वविद्यालयों और सीबीआई जैसे राष्ट्रीय संस्थानों का माहौल दूषित हो गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक मोर्चे पर कथित तौर पर विदेशों में पड़ा अरबों रुपये का काला धन वापस लाने के वादे जो किए गए थे, उस दिशा में कुछ नहीं हुआ। वहीं, जल्दबाजी में विमुद्रीकरण कर दिया गया। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) अर्थव्यवस्था के लिए आपदा साबित हो रही है।’’
मनमोहन ने कहा, ‘‘अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में गिरावट के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतें ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गईं, क्योंकि मोदी सरकार ने तेल की कीमतें कम होने का लाभ भारत की जनता को देने के बजाय पेट्रोल और डीजल पर अत्यधिक उत्पाद कर लगा दिया।’’
सिंह ने कहा कि मोदी सरकार की उपलब्धि खोखले वादे के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। उन्होंने मौजूदा सरकार को अक्खड़ फैसले लेने वाली सरकार करार दिया।
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