नई दिल्ली । मोदी सरकार ने तीसरा कैबिनेट विस्तार करके 9 नए चेहरों को राज्यमंत्री बनाकर यह भी संदेश दिया है कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की नजर में सिर्फ कद्दावर राजनीतिक कद ही काफी नहीं है, बल्कि अन्य योग्यताएं भी होनी चाहिए। बिहार के आरा से केंद्रीय राज्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले आर. के सिंह यूपीए सरकार में गृह सचिव रह चुके है। यह रोचक बात है कि रथ यात्रा के दौरान पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने जब कानून का उल्लंघन किया, तो आडवाणी को गिरफ्तार कराने में कोई देर नहीं की थी। इसी तरह केंद्रीय राज्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी अल्फोन्स कन्ननथानम का भी बैकग्राउंड कम रोचक नहीं है। केंद्रीय राज्यमंत्री अल्फोन्स कन्ननथानम किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। राजनीतिक में आने से पहले दिल्ली विकास प्राधिकरण में रह चुके है और इन्हें डेमोलिशन मैन के नाम जाना जाता था। वहीं पूर्व राजनयिक हरदीप सिंह पुरी 1974 बैच के आईएफएस अधिकारी है, हालांकि यह भी किसी सदन के सदस्य नहीं है, इन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।लेकिन राजनयिक के तौर पर इनका अच्छा अनुभव है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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