नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को लोकसभा में घोषणा की कि भारत जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार नहीं है, साथ ही कहा कि देश का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन दो टन से अधिक नहीं है जो अमेरिका, यूरोप और चीन की तुलना में बहुत कम है। वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर तीसरे दिन भी लोकसभा में चर्चा चली, जिस पर लोकसभा को संबोधित करते हुए जावड़ेकर ने यह टिप्पणी की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मुद्दे पर चर्चा कांग्रेस के मनीष तिवारी ने मंगलवार को शुरू की थी। चर्चा दूसरे दिन गुरुवार को फिर से शुरू हुई। इस मुद्दे पर विस्तृत जवाब देने से पहले, जावड़ेकर ने पहली बार जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के बीच अंतर को परिभाषित करते हुए कहा कि कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन बढऩे के कारण जलवायु परिवर्तन होता है।
उन्होंने कहा कि कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में लगभग 100 वर्षों से मौजूद है, लेकिन प्रदूषक वायुमंडल में थोड़े समय के लिए पाए जाते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। मंत्री ने कहा कि कोयले और बैरंग गैस के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन बढ़ा है, जिसकी शुष्क हवा की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत अधिक घनत्व है - जो वायुमंडल में बसा है।
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