नई दिल्ली। अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन और मौलाना मसूद अजहर दोनों की दोस्ती जग जाहिर है। जब ओसामा बिन लादेन अमेरिका वल्र्ड ट्रेड सेंटर पर हमला किया था इसके बाद मसूद ने ही उसे तोरा-बोरा की पहाडिय़ों पाकिस्तान में छुपाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने तोरा-बोरा की पहाडियों को घेर लिया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका पर हमले होने के बाद जैश ने भारत पर दो बड़े हमले करने की साजिश को अंजाम दिया था जिसका साथ आतंकी संगठन अलकायदा ने दिया था। 9/11 के करीब तीन सप्ताह बाद एक अक्टूबर, 2001 को जैश ने जम्मू कश्मीर-विधानसभा परिसर पर हमला कर दिया। इसमें 35 लोग मारे गए थे।
इसके दो महीने बाद 13 दिसंबर, 2001 को जैश के आतंकियों ने भारतीय संसद पर हमला किया। इस हादसे में नौ लोग की मृत्यु हुई थी। इन दोनों हमलों ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर दी। पाकिस्तानी सेना को अपने पश्चिम बॉर्डर से सेना को हटा दिया गया। पश्चिम सीमा पर पाकिस्तानी सेना तोरा-बोरा की पहाड़यिों की निगरानी में लगी थी। इसके बाद ओसामा को पाकिस्तान में भाग आने में सहायता प्रदान की गई। इसी वजह से ओसामा को पकडने में अमेरिका को दस साल लग गए थे। यह सब बातें बताती है कि जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन का असर न केवल भारत पर है बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा और शांति के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है।
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