नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्यों का परिषद होने के नाते राज्यसभा को 'सरकार द्वारा उचित सम्मान' दिया जाना चाहिए और राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील करने और इसकी सीमाओं को दोबारा सीमांकन करने के 'कठोर कदम' उठाने के समय राज्यसभा से संपर्क करना चाहिए था। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्यसभा की तरफ से यह सुनिश्चित करना काफी महत्वपूर्ण कर्तव्य है कि भावना के ज्वार में कोई कानून पारित नहीं किया जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने इस बयान के साथ एकबार फिर संसद द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने और इसे जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्रशासित राज्य बनाने के पांच अगस्त के कदम का जिक्र किया।
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