नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और एलजी के बीच जारी जंग अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने पहुंच गई है। केजरीवाल के एलजी ऑफिस पर धरने की गंूज नीति आयोग की बैठक में भी सुनाई दी। एक दिन पहले ही केजरीवाल के धरने को समर्थन देने वाले 4 गैरबीजेपी मुख्यमंत्रियों ने रविवार को नीति आयोग की बैठक से इतर इस मुद्दे को पीएम मोदी के सामने उठाया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने पीएम मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार को तुरंत इस समस्या को सुलझाना चाहिए और सरकार को लोगों के लिए काम करने देना चाहिए। इस वजह से ही हम यहां आए, हम अपनी एकजुटता जताते हैं। वहीं कर्नाटक के सीएम के कुमारस्वामी ने भी कहा कि हम दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए आए हैं। जबकि केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने इस विवाद के लिए सीधे केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा चंद्रबाबू नायडू भी केजरीवाल के समर्थन में उतर आए हैं।
हालांकि ये चारों मुख्यमंत्री दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। शनिवार को चारों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचे और उनकी पत्नी, उनके माता-पिता और उनके बच्चों से मुलाकात की। इसके बाद चारों मुख्यमंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसमें ममता बनर्जी ने पीएम से दखल देने की अपील तक की बात कर डाली।
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