नई दिल्ली । महाराष्ट्र में विधायकों
की अयोग्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट
ने महाराष्ट्र विधानसभा के नए अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से कहा कि वह
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के विधायकों के खिलाफ शुरू की गई
अयोग्यता की कार्यवाही पर तब तक फैसला न करें, जब तक कि अदालत मामले की
सुनवाई नहीं कर लेती।
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उद्धव ठाकरे खेमे का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल
सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले
का उल्लेख किया। सिब्बल ने कहा कि अयोग्यता याचिका मंगलवार को अध्यक्ष के
समक्ष सूचीबद्ध है, और इस पर तब तक फैसला नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि
शीर्ष अदालत मामले का फैसला नहीं कर लेती।
इस पर सीजेआई ने विधायकों
की अयोग्यता पर किसी भी फैसले पर रोक लगा दी है। जब सिब्बल ने कोर्ट में
मामले की तत्काल सुनवाई पर जोर दिया, तो मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मामले
को सूचीबद्ध करने में कुछ समय लगता है। इसके लिए बेंच का गठन करना होगा।
कोर्ट
ने कहा कि स्पीकर को सूचित किया जाए कि विधायकों के खिलाफ कोई एक्शन या
सुनवाई अभी न करें। कोर्ट में फैसला आने तक इसे स्थगित रखा जाए।
महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर शीर्ष अदालत में करीब चार याचिकाएं लंबित हैं।
बता
दें, शिवसेना में बगावत के बाद विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने 16 विधायकों
को नोटिस जारी कर उनकी योग्यता पर सवाल खड़े किए थे। इस नोटिस के खिलाफ
शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसी मामले में सुनवाई करते
हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों को विधायकों की योग्यता-अयोग्यता पर कार्रवाई से
मना किया है।
--आईएएनएस
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