नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच गुरुवार को बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का स्पीकर को निर्देश दिया है। फ्लोर टेस्ट सदन में हाथ उठाकर होगा। यानी विधायक हाथ उठाकर अपना मत देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट के लिए 20 मार्च को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दिया है। इस प्रकार कमलनाथ सरकार को अब हर हाल में बहुमत साबित करना होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अगर कमलनाथ बहुमत साबित नहीं कर पाए तो सरकार गिर जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी भी कराने के निर्देश दिए हैं। यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा सत्र को 26 मार्च तक कोरोनावायरस के खतरे की बात कहते हुए स्थगित कर दिया था।
इसके बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट के फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा ने स्वागत करते हुए इसे सत्यमेव जयते यानी सत्य की जीत बताया है। साथ ही दावा किया कि फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस पराजित होगी।
चौहान ने कहा कि फ्लोर टेस्ट का आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने किया है। वर्तमान में जो सरकार है, वह अल्पमत की सरकार है और उसके बावजूद लगातार फैसले ले रही है, नियुक्तियां कर रही है। शुक्रवार को होने वाले शक्ति परीक्षण में कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ेगा। शर्मा का कहना है कि शुक्रवार को स्थिति साफ हो जाएगी कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में है।
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