गृह मंत्री ने सदन में बताया कि संविधान के अनुसार हेड ऑफ
गवर्नमेंट प्रधानमंत्री ही हैं, उनके कार्यालय को सुरक्षित करने के लिए SPG
बनी है। हमारे देश में जो दो पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या हुई है जो देश
के लिए बड़ी क्षति है, इसके बाद इस कानून को बनाया गया है। अब हमारी सरकार
इसमें संशोधन कर रही है, इसके तहत पीएम को ये सुरक्षा मिलेगी। पूर्व
प्रधानमंत्री और उनके परिवार को ये सुविधा पांच साल के लिए करेगी।
इस
बिल पर मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार किसी व्यक्ति को सुरक्षा
क्यों प्रदान करती है। कुछ लोग ऐसे हैं जिनको सरकार की तरफ से सुरक्षा देने
की जरूरत है। थ्रेट असेसटमेंट के हिसाब से विभिन्न श्रेणियों में सुरक्षा
प्रदान की जाती है, ये जो थ्रेट असेसमेंट है क्या यह परफेक्ट साइंस है।
मनीष तिवारी ने कहा कि जून 2019 से नवंबर 2019 के बीच लगातार यह कहा गया कि जिन लोगों को एसपीजी सुरक्षा मिली है, उनके लिए खतरा बढ़ा है। तिवारी ने कहा कि सरकार यह बताए कि जून 2019 से नवंबर 2019 के बीच ऐसा क्या बदलाव आया है कि जिसकी वजह से एसपीजी सुरक्षा सारकार ने छीन ली। उन्होंने कहा कि जिस तरह का हवाला फिलहाल सरकार ने दिया है। ठीक उसी तरह का हवाला पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को भी दिया गया था।
मनीष तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने जैसे कदम को सरकार को वापस लेना चाहिए।
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