नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर निर्वाचन आयोग ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राजनीतिक दल और उम्मीदवार अपने खातों से असत्यापित विज्ञापन, रक्षाकर्मियों की तस्वीरें, नफरत भरे भाषण व झूठी खबरें पोस्ट नहीं कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने रविवार को 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में लोकसभा चुनाव की घोषणा की थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग पर सख्त दिशा-निर्देशों की भी घोषणा की थी। नए दिशा-निर्देश के मुताबिक, उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करते वक्त अपने सोशल मीडिया खातों का विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक होगा और चुनाव आयोग फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, गूगल पर उनकी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखेगा।
आदर्श आचार संहिता के प्रावधान, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया पर पोस्ट की जा रही सामग्री पर भी लागू होंगे। किसी भी प्रकार के उल्लंघन पर चुनाव आयोग द्वारा कार्रवाई की जा सकती है। अरोड़ा ने कहा कि जिला और राज्य स्तर पर मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियां (एमसीएमसी) तैनात कर दी गई हैं।
प्रत्येक स्तर पर एक सोशल मीडिया विशेषज्ञ भी इस समिति का हिस्सा होगा। सोशल मीडिया पर जारी किए जाने वाली सभी राजनीतिक विज्ञापनों को संबंधित एमसीएमसी से पूर्व प्रमाणीकरण की आवश्यकता होगी।
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