गृहमंत्री ने कहा कि विधेयक में शामिल प्रावधानों के अनुसार जो लोग अवैध
हथियार के निर्माण, बिक्री, तस्करी और निर्यात के कामों में शामिल हैं,
उन्हें सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा दी जाएगी।
इसके साथ
ही प्रतिबंधित हथियार और गोला-बारूद रखने की सजा पांच से 10 साल से बढ़ाकर
सात से 14 साल तक कर दी गई है। नक्सल इलाकों में पुलिस से हथियार छीनने या
चोरी करने से संबंधित मामलों में आजीवन कारावास का भी प्रावधान है।
मंत्री
ने कहा कि विधेयक के अनुसार, अवैध हथियार निर्माता को आजीवन कारावास दिया
जाएगा, क्योंकि वे इसे खरीदने वालों की तुलना में अधिक जिम्मेदार हैं।
--आईएएनएस
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