नई दिल्ली। अपनी बहादुरी से दिल जीतने वाले लांस नायक नजीर वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। नजीर आतंकवाद का रास्ता छोडक़र सेना में शामिल हुए थे। ऐसा पहली बार हुआ है जब आतंक की राह से लौटे किसी जवान को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने जा रहा है। गौरतलब है कि नजीर ने वर्ष 2004 में आत्मसमर्पण किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसके कुछ समय बाद ही नजीर भारतीय सेना से जुड़ गए थे। नजीर ने पिछले साल नवंबर में आतंकवादियों से लड़ते हुए देश के लिए जान कुर्बान कर दी थी। तब शोपियां में कुछ आतंकियों के छुपे होने की खबर पर सुरक्षाबलों की टीम उन्हें मौत के घाट उतारने पहुंची थी। इस दौरान 6 आतंकवादियों ने एक घर में शरण ली थी, जिसे जवानों ने चारों तरफ से घेर लिया।
नजीर ने एक दहशतगर्द को मार गिराया, जबकि वे खुद भी घायल हो गए। इसके बावजूद नजीर ने आतंकियों को भागने नहीं दिया। वे रास्ते पर डटे रहे और उन्होंने एक और आतंकी को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि, इस ऑपरेशन में नजीर भी शहीद हो गए।
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