नई दिल्ली। देश भर में डॉक्टरों की 24 घंटे की हड़ताल चल रही है। इस बीच दिल्ली की सड़कों पर डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज के छात्रों का विरोध-प्रदर्शन जारी है।
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डॉ. एस.के. पोद्दार ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शनिवार को 24 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था, लेकिन अब तक हमारी कोई भी मांग पूरी नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम जो बहुत पहले संसद में पेश किया गया था, उसे राज्यसभा में भी पेश किया गया, लेकिन बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और आठ साल से यह ठंडे बस्ते में पड़ा है। हम चाहते हैं कि जिस लड़की के साथ अन्याय हुआ है, उसे न्याय मिले।
डॉ. मलिक ने कहा कि पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ जो हुआ वह जघन्य अपराध है। इस घटना से डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई कर रही लड़कियों के मन में डर पैदा हो गया है। हम सरकार से अपील करते हैं कि ऐसे सख्त कानून बनाए जाएं जिससे अपराधियों को सख्त सजा मिल सके।
डॉ. चाहत वर्मा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो कुछ भी हुआ है वह बहुत शर्मनाक है। मुख्य आरोपी अब तक पकड़ा नहीं गया है और जो कुछ भी बताया जा रहा है वह सही नहीं है। वहां जांच में क्या हो रहा है, इसके बारे में सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला डॉक्टर की हत्या के विरोध में देश भर में डॉक्टर गुस्से में हैं। उनके हड़ताल पर जाने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है। एक आधिकारिक बयान में मंत्रालय ने कहा कि वह स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय सुझाने हेतु एक समिति गठित करेगा।
बयान में कहा गया है, "संगठनों ने कार्यस्थल पर स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता के संबंध में अपनी मांगें रखी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रतिनिधियों की मांगों को सुना है और उन्हें स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास का आश्वासन दिया है।"
--आईएएनएस
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