नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) बनने के दो महीने बाद भी अब तक सामान्य तरीके से नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। वजह यह कि अभी नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत नए आवेदनपत्र का खाका ही नहीं तय हो पाया है। गृह मंत्रालय फिलहाल ऑनलाइन मौजूद नागरिकता अधिनियम 1955 वाले पुराने आवेदन पत्र में जरूरी बदलाव करने में जुटा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सूत्रों का कहना है कि आवेदन के प्रारूप में बदलाव के बाद अप्रैल-मई से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हुए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिल सकेगी। हालांकि यहा बताना जरूरी है कि गृह मंत्रालय 20 दिसंबर 2019 को पाकिस्तान से आए सात शरणार्थियों को नागरिकता देकर अधिनियम को प्रतीकात्मक रूप से लागू कर चुका है।
इंदौर के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इस संबंध में गृह राज्यमंत्री और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत हुई है।
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