नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का मंगलवार को नौवां दिन है। संदन के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में आज असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का मुद्दा जोर शोर से उठने की संभावना है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े सहित कांग्रेस के दो अन्य सांसदों ने एनआरसी के मामले पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। लोकसभा में आज केंद्रीय खेल राज्य मंत्री राज्यवर्धन राठौर मणिपुर में नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए विधेयक पेश कर सकते है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बीजेपी सांसद अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि अवैध घुसपैठियों को पहचानकर
उन्हें अलग करने के लिए एक NRC बनाया जाएगा और यह पहले से तय था। उन्होंने
कहा कि यह करने की हिम्मत आप में नहीं थी लेकिन हमने यह करके दिखाया है।
शाह ने विपक्षी सांसदों से पूछा कि 40 लाख घुसपैठियों को कौन बचाना चाहता
है।
असम से बीपीएफ सांसद बिश्वजीत दैमारी ने कहा कि 40
लाख की जो संख्या है वह नहीं बढ़ सकती क्योंकि इसमें नवजात बच्चों तक का
नाम शामिल है। उन्होंने कहा कि इसमें देश के बाकी राज्यों को भी असम का
सहयोग करना चाहिए। बिश्वजीत ने कहा कि किसी भी भारतीय का नाम लिस्ट से
नहीं हटाया गया है और इन 40 लाख लोगों पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा, यह
पहले से तय है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रोहिंग्या को सीमा में घुसने से रोकने के लिए बीएसएफ और असम राइफल्स को अलर्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्यों को ताजा एडवाइजरी जारी की गई है कि वह एक जगह सभी रोहिंग्या को जमा करें साथ ही उनके मूवमेंट पर भी निगरानी की जानी चाहिए। गणना और पहचान की जानकारी जुटाकर भेजने को भी कहा गया है। सभी तथ्य जुटा लेने के बाद म्यांमार सरकार से बात कर उन्हें वापस भेजने की कोशिश की जाएगी। गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा में कहा कि राज्यों से कहा जा चुका है कि रोहिंग्या को कोई भी लीगल दस्तावेज नहीं दिया जाए, यह बात पहले ही गृह मंत्री सदन के भीतर कह चुके हैं।
किरण रिजिजू ने कहा कि पूर्वोत्तर से रोहिंग्या यहां नहीं आए और उनकी एंट्री नहीं हो सकी क्योंकि सरकार काफी सख्त रही। उन्होंने कहा कि वह अवैध गतिविधियों जुड़े हैं लेकिन उसकी विस्तृत जानकारी यहां देना उचित नहीं है।
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने लोकसभा में रोहिंग्या शरणार्थी और प्रवासियों को मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पहले लोगों को वोटिंग अधिकार दिया गया और अब छीना जा रहा है। उन्होंने गृह मंत्री से पूछा कि अबतक कितने रोहिंग्या वापस म्यांमार भेजे गए। इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं बल्कि अवैध तरीके से भारत आए हैं और उन्हें कोई भी अधिकार नहीं दी गए हैं साथ ही आंकड़े जुटाकर उन्हें वापस भेजा जाएगा।
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