नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि शादी के लिए सहमत दो वयस्कों के बीच विवाह के मामले में खाप पंचायतों का किसी भी तरह का दखल अवैध है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविल्कर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने सुधारात्मक व सुरक्षात्मक कदम निर्धारित किए, जो इस तरह के मामलों से निपटने के लिए कानूनी रूप रेखा के आने तक काम करेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह ऐतिहासिक फैसला एक एनजीओ शक्ति वाहिनी की याचिका पर आया है। शक्ति वाहिनी ने शीर्ष अदालत से खाप पंचायतों जैसी संस्थाओं की रजामंदी के बिना होने वाले विवाहों में उनके दखल और शादी के खिलाफ हुक्म जारी किए जाने को लेकर अपील की थी।
काशी में विकास और विरासत का सपना धीरे-धीरे हो रहा साकार : पीएम मोदी
रुद्राक्ष सेंटर में सांस्कृतिक प्रस्तुति देख मंत्रमुग्ध हुए प्रधानमंत्री मोदी
'गदर 2' की सफलता से बेहद खुश धर्मेंद्र, कहा- 'किस्मत वाला होता है बाप वो...'
Daily Horoscope