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उन्होंने कहा, "सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पीड़ितों को
सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में साफ पानी, स्वच्छता की सुविधाएं
और उपयुक्त आश्रय प्रदान किए जाएं।"
डॉ. अग्रवाल ने कुछ सुझाव दिए,
"बाढ़ के पानी में न तो घूमें और न ही उसमंे होकर गुजरें, क्योंकि इसमें
सीवेज और मलबा होता है। यह उन लोगों के मामले में अधिक घातक है, जो पहले से
कमजोर हैं, जैसे मधुमेह रोगी, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग आदि।
संक्रमित होने के जोखिम से बचने के लिए चोट या घाव वाले स्थान को बाढ़ के
पानी से दूर ही रखें। इसके अतिरिक्त, इन घावों को साफ पानी से साफ करें और
ड्रेसिंग करें।"
उन्होंने कहा, "क्षतिग्रस्त सामग्री, बाढ़ के पानी
या मिट्टी के संपर्क में आने पर या वाशरूम में जाने के बाद अपने हाथ साबुन
और पानी से अवश्य धोएं। गंदे हाथों से खाना न छूएं। यदि आपने भोजन किया है,
तो बरतनों को धो लें और ब्लीच सॉल्यूशन से साफ करें। खाद्य सामग्री को
जल्द से जल्द उपयोग कर लें। इस्तेमाल से पहले पानी उबालना न भूलें।"
-- आईएएनएस
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