नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर शीर्ष अदालत के फैसले को 'ऐतिहासिक आदेश' करार दिया। न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने गुरुवार को आदेश दिया कि प्रधानमंत्री, भारत के प्रधान न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष के नेता वाली उच्चस्तरीय समिति की सलाह पर मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केजरीवाल ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा, "चुनाव आयोग के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का एक ऐतिहासिक आदेश आया। हम इस आदेश का स्वागत करते हैं।"
इस मामले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि विपक्षी नेताओं और भारत के नागरिकों ने कई बार चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर संदेह जताया है। इसलिए, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बहुत महत्वपूर्ण है।
सिंह ने कहा, "कई बार हमने चुनाव आयोग को किसी राज्य के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने से पहले प्रधानमंत्री या गृहमंत्री द्वारा अपनी निर्धारित रैलियों को पूरा करने या अपने चुनावी वादों की घोषणा करने की प्रतीक्षा करते देखा है। कई राजनीतिक दलों और व्यक्तियों ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर संदेह जताया है। इसलिए, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का चयन करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति नियुक्त करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है।"
पीठ में शामिल जस्टिस अजय रस्तोगी ने हालांकि एक अलग फैसले में यह स्पष्ट किया कि चुनाव आयुक्तों को हटाने का आधार वही होना चाहिए, जो मुख्य चुनाव आयुक्त का है।
--आईएएनएस
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