नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिंगापुर में हो रहे वर्ल्ड सिटी सम्मेलन में जाना चाहते हैं। हालांकि सीएम को सिंगापुर जाने की अनुमति के मुद्दे पर दिल्ली के उपराज्यपाल ने अपने एक नोट में कहा है कि मुख्यमंत्री का इस तरह के सम्मेलन में शामिल होना उचित नहीं है। इसके जवाब में गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने एलजी के नोट का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है। उन्होंने 'सलाह' दी है कि यह मेयर का सम्मेलन है और इसलिए मुख्यमंत्री को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा है कि सम्मेलन में जिन विषयों पर चर्चा होने की संभावना है, वे दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं। सीएम ने कहा कि मैंने माननीय एलजी की सलाह की सावधानीपूर्वक जांच की है और इन कारणों पर उनके साथ मतभेद हैं। यह सिर्फ मेयर का सम्मेलन नहीं है। यह महापौरों, शहर के नेताओं, ज्ञान विशेषज्ञों आदि का सम्मेलन है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उपराज्यपाल को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने गुरुवार को एक पत्र जारी करते हुए कहा कि सिंगापुर सरकार ने दिल्ली के सीएम को आमंत्रित करने के लिए चुना है। यह बहुत गर्व की बात है कि दिल्ली शासन मॉडल, विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली क्षेत्र में हमारे काम पर चर्चा हो रही है और दुनिया भर में इसे मान्यता प्राप्त है। सिंगापुर सरकार ने मुझे पूरी दुनिया के शहर के नेताओं के सामने दिल्ली मॉडल पेश करने के लिए आमंत्रित किया है। यह प्रत्येक देशभक्त भारतीय के लिए बड़े गर्व की बात है। हम सभी को इसे मानना चाहिए और इस यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए।
सीएम ने कहा कि यदि हमारे देश में प्रत्येक संवैधानिक प्राधिकरण का दौरा इस आधार पर तय किया जाता है कि उस प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में कौन से विषय आते हैं, तो यह एक अजीब स्थिति और एक गतिरोध पैदा करेगा। तब प्रधानमंत्री कहीं नहीं जा सकेंगे क्योंकि अपनी अधिकांश यात्राओं में वे उन विषयों पर भी चर्चा करते हैं जो राज्य सूची में आते हैं और उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं। तब कोई भी सीएम दुनिया में कहीं भी दौरा नहीं कर पाएगा। इसलिए, मैं माननीय एलजी की सलाह से विनम्रतापूर्वक असहमत हूं। कृपया वह केंद्र सरकार से राजनीतिक मंजूरी के लिए आवेदन करें।
दरअसल इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक पत्र में कहा था कि किसी मुख्यमंत्री का इस तरह के सम्मेलन में शामिल होना उचित नहीं है। उपराज्यपाल ने इसके लिए तर्क दिया था कि प्रथम ²ष्टया यह विभिन्न शहरों के महापौरों का सम्मेलन है। इस सम्मेलन में जिन विषयों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, वे शहरी शासन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हैं, जिन्हें दिल्ली के मामले में जीएनसीटीडी के अलावा एनडीएमसी, एमसीडी और डीडीए से लेकर विभिन्न निकायों द्वारा संबोधित किया जाता है। जीएनसीटीडी के पास सम्मेलन के विषय के अनुरूप इन मुद्दों पर विशेष अधिकार नहीं है। शिखर सम्मेलन के हिस्से के रूप में एक डब्ल्यूसीएस स्मार्ट सिटीज कार्यशाला भी आयोजित की जा रही है दिल्ली में, स्मार्ट सिटीज परियोजना को एनडीएमसी द्वारा संचालित किया जा रहा है।
--आईएएनएस
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