नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार शाम नकाबपोश हमलावरों द्वारा छात्रों और शिक्षकों पर किए गए हमले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। केंद्र ने दिल्ली के उपराज्यपाल से भी हालात की सही जानकारी तुरंत मुहैया कराने को कहा है। घटना के पीछे सुलगते तमाम सवालों के जवाब तलाशने और घटना में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए फिलहाल अप्रत्यक्ष रूप से दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की नौ से ज्यादा टीमें जांच में जुट गई हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
क्राइम ब्रांच ने घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लेने शुरू कर दिए हैं। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एक आला-अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर सोमवार को आईएएनएस से इसकी पुष्टि की है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के मुताबिक, वसंत कुंज थाने में जिला पुलिस द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर का हमारी टीम ने अवलोकन कर लिया है। दंगे की धाराओं में दर्ज एफआईआर में फिलहाल किसी को नामजद नहीं किया गया है।
हमारी (क्राइम ब्रांच) जांच में जो भी नाम सामने आएंगे, उन्हें बाद में एफआईआर में जोड़ लिया जाएगा। यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। क्राइम ब्रांच के एक डीसीपी स्तर के अधिकारी और जिला पुलिस के एक सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी से इस मामले की जांच को लेकर जब बात हुई तो दोनों के ही जेहन में करीब-करीब एक से ही सवाल मौजूद मिले। सवालों में सबसे महत्वपूर्ण था कि हमलावर बाहरी थे या विवि के अंदर के ही?
नकाबपोश अगर आस-पास के इलाकों (किशनगढ़, हुमायूंपुर इत्यादि इलाकों) के थे, तो वे विवि परिसर में पहुंच कैसे गए? जबकि क्राइम ब्रांच को इसके भी तमाम सबूत मिल चुके हैं कि घटना से कई घंटे पहले ही संबंधित जिला पुलिस कंट्रोल रूम की जिप्सियां (पीसीआर वैन) विवि परिसर के आस-पास तैनात थीं। ऐसे में सवाल यह भी पैदा होता है कि पीसीआर जिप्सियां विवि परिसर के आसपास घटना के घंटों पहले खड़ी होने के बाद भी रविवार देर रात तक हिंसा आखिर क्यों और कैसे होती रही?
क्या जेएनयू प्रशासन ने दिल्ली पुलिस को विवि परिसर में बुलाने में जान-बूझकर देरी की? क्राइम ब्रांच के एक सूत्र के मुताबिक, जेएनयू के हर गेट पर 5-6 सुरक्षाकर्मी रहते हैं। बिना इंटरकॉम, मोबाइल पर इजाजत मिले या फिर बिना टोकन के कोई भी कैंपस के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता। फिर नकाबपोश हथियारबंद (लाठी-डंडे या धारदार हथियारबंद) अज्ञात या बाहरी हमलावर कब और कैसे कैंपस में पहुंच गए? क्राइम ब्रांच की टीमों ने इस मामले की जांच के लिए जेएनयू प्रशासन से सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराने को कहा है।
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