आपकाे बताते जाए कि पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती सहित कश्मीरी राजनेताओं को 5 अगस्त से घर में नजरबंद है। जब गृह मंत्री अमित शाह धारा 370 को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के लिए प्रस्ताव लिए थे। अब दो महीने के करीब हो गए हैं। नेताओं को बाहरी दुनिया के साथ संचार के किसी भी तरीके के बिना अलग-अलग स्थानों पर बंद कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर के कड़े सार्वजनिक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है।
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